देश का दर्पण न्यूज़ जयपुर शाहपुरा
- अन्नदाता पर कुदरत की मार,
- बारिश से खेतों में पकी हुई बाजरे की फसल खराब,
- भीगने से अंकुरित हुई बाजरे की बालियां,
- खेत मे कटी पड़ी कड़बी हुई खराब,
- किसानों में छाई मायूसी,
- पूरे सीजन की मेहनत पर फिरा पानी,
- शाहपुरा उपखंड क्षेत्र का मामला।
शाहपुरा(जयपुर)
संवाददाता_ बबलू सैनी
एंकर....
शाहपुरा सहित आसपास के क्षेत्र में तीन दिन से हो रही लगातार बारिश ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। मौसम का मिजाज बदलने से हुई बरसात से किसानों की मेहनत पर पानी फिर गया। पहले कोरोना महामारी की मार ओर अब बारिश की मार ने किसानों की फसलों को बर्बाद कर दिया है। जिससे खेतों में बाजरे की फसल भीग गई। तथा खेतो में बिखरी पड़ी बाजरे की बालियां अंकुरित हो गई है। जिससे पूरी फसल खराब हो गई है। बारिश से किसानों की पूरे सीजन की मेहनत पर पानी फिर गया। वही किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें देखने को मिल रही है। तथा किसानों में मायूसी छाई हुई है। बारिश से उपखंड क्षेत्र में बुआई के मुकाबले पैदावार में अधिक गिरावट आने की संभावना है। शाहपुरा उपखंड क्षेत्र के घासीपुरा, खोरी, राजपुरा, देवन समेत कई गांवों में जनजीवन अस्त व्यस्त हुआ है। आम रास्ते कीचड़ में तब्दील हो गए। वही बारिश से बाजरे की फसल में खराबा सामने आया है। कई किसानों ने फसल काट ली, लेकिन खेत से नहीं उठा पाए हैं वहां बारिश से बाजरे की फसल खराब हो गई है। खेतों में पानी भरा हुआ है अब न तो बाजरा बचा है और ना ही पशुओं के लिए चारा। दूसरी फसल बोने के लिए तो जमीन ही नहीं सूख रही। यहां तक कि खेतो में कटी पड़ी बजरा की फसल से फिर से बालियां अंकुरित हो गई हैं। अब क्षेत्र के किसान सरकार से मुआवजे की मांग कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि खेतों में बाजरे की कटाई चल रही है। खेतों में कहीं पर बाजरे की कड़बी पड़ी हुई है तो कहीं खेतों में बाजरे की बालियां बिखरी पड़ी हुई हैं। बाजरे की फसल जो खेत में खड़ी थी या कटी पड़ी थी, तथा बाजरे की बालियां भी अंकुरित हो गई है। जिससे पूरी फसल खराब हो गई है। यही बारिश करीब 1 माह पहले होती तो किसानों को इसका फायदा मिलता।
बाइट-
1- लालचंद सैनी, किसान