Sarva Pitru Amavasya 2022 : सर्वपितृ अमावस्या को पितृ विसर्जनी अमावस्या भी कहा जाता है... पितृ पक्ष की आखिरी तारीख को सर्वपितृ अमावस्या कहते हैं.... धार्मिक मान्यता के अनुसार पितृ पक्ष में वैसे तो पूर्वजों की मृत्यु तिथि पर पिंडदान और तर्पण करने की परंपरा है, लेकिन अगर किसी वजह से उस तिथि में श्राद्ध करना संभव नहीं हो सके तो सर्वपितृ अमावस्या के दिन पितरों के निमित्त, पिंडदान, तर्पण और ब्राह्मण भोजन करवा सकते हैं....