इतिहास (History) की किताबों (History Books) में अब तक आपने यही पढ़ा होगा, कि कुतुब मीनार (Qutub Minar) के निर्माण (Qutub Minar Construction) की शुरुआत कुतुबुद्दीन ऐबक (Qutubuddin Aibak) ने की थी जिसे उसके उत्तराधिकारी इल्तुतमिश (Iltutmish) ने पूरा कराया था। ऐसे में ज़ाहिर है उस पर बनवाने वाले का मालिकाना हक (Ownership of Qutub Minar) (Qutub Minar Ownership case) भी उसी का था। ये सब तो रही इतिहास की बातें, लेकिन अब ये एक हैरिटेज (Heritage) है और ऐतिहासिक निर्माण भी है, जिसका देखरेख और संरक्षण आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (Archaeological Survey of India) (ASI) करती है। लेकिन अब हो सकता है, कि इसका इतिहास (Qutub Minar History) (History of Qutub Minar) बदल जाए, चौंकिए मत दरअसल इसके मालिकाना हक को लेकर दिल्ली (Delhi) के साकेत कोर्ट (Saket Court) में एक याचिका दाखिल की गई है (A petition has been filed in Delhi's Saket court regarding the ownership of Qutub Meenan), और इस याचिका को दाखिल करने वाले हैं कुंवर महेंद्र ध्वज प्रसाद (Kunwar Mahendra Dhwaja Prasad) (petitioner Kunwar Mahendra Dhwaja Prasad) (petitioner in Qutub Minar case) (Qutub Minar case)।
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