सुकरात बहुत बड़े विद्वान और दार्शनिक थे। सारा यूनान उनका आदर करता था, परंतु उनकी पत्नी हर समय उनसे लड़ती रहती थीं। जैसे मीठा बोलना उन्होंने सीखा ही नहीं था। जब सुकरात घर पर मौन बैठते तो वह चिल्लाना शुरू कर देतीं- हर समय चुप ही बैठे रहते हैं। जब वे कोई पुस्तक पढ़ते तो भी चिल्लातीं- आग लगे, इन पुस्तकों को! इन्हीं के साथ शादी कर लेनी थी।