WIFE यानि Worry Invited Forever..... नहीं... नहीं... गलत मत समझिए हम किसी पर उंगली नहीं उठा रहे हैं, और ना ही किसी को गलत ढंग से परिभाषित करने की कोशिश कर रहे हैं। दरअसल ये एक ऐसी टिप्पणी है, जो केरल हाईकोर्ट (Kerala High Court) की एक बेंच की ओर से की गई है। दरअसल देश में नए शादीशुदा जोड़ों के बीच तलाक के बढ़ते चलन पर कोर्ट ने चिंता ज़ाहिर की है। इसी तरह के एक मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने टिप्पणी की (Kerala high court judgement), कि ऐसा लगता है कि देश में वैवाहिक संबंध (matrimonial relationship) ऐसे बनते जा रहे हैं, कि जैसे वो इस्तेमाल करो और फेंक दो की संस्कृति (Use and throw culture) से प्रभावित हैं। कोर्ट ने कहा कि ये लिव-इन रिलेशंस (live in relations) और छोटी-छोटी बातों पर ही तलाक मांगने जैसे मामलों से ये साबित होता है। केरल हाईकोर्ट (High Court) न इस पर सख्त टिप्पणी करते हुए कहा, कि न्यू जेनरेशन शादी-ब्याह को एक एक ऐसी बुराई के तौर पर देखने लगी है, जिसे आज़ादी से जीने के लिए टाल देना चाहिए (divorce)।
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