बिहार में एतिहासिक धरोहर काफी है लेकिन सरकार की अनदेखी की वजह से कई धरोहर गुमनामी का शिकार हो चुकी हैं। इसमें नालंदा जिला की 130 साल पुरानी लाइब्रेरी का नाम भी शामिल है। नालंदा के देशना गांव (अस्थावां प्रखंड) में मौजूद लाइब्रेरी को देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद भी देखने पहुंचे थे। लेकिन अब राज्य सरकार की बेरुखी से अल-इल्लाह उर्दू लाइब्रेरी का वजूद धीरे-धीरे खत्म हो रहा है।
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