09 अगस्त को विदिशा जिले के लटेरी के जंगल में वनकर्मियों की फायरिंग में एक आदिवासी व्यक्ति की मौत हो गई... एक आदतन अपराधी की मौत पर प्रदेश में जमकर राजनीति हो रही है...सत्ता पक्ष यानि बीजेपी सरकार ने आनन-फानन में मृतक के परिजनों को अच्छा-खासा मुआवजा दिया और विपक्ष यानि कांग्रेस ने तो उसे बलिदानी का दर्जा देने की मांग तक कर डाली... दूसरी ओर, सरकार ने डिप्टी रेंजर निर्मल अहिरवार को आदतन अपराधी की मौत का आरोपी बना दिया और गिरफ्तारी के साथ उन पर केस दर्ज भी हो गया... प्रदेश के वन कर्मचारी संघ सरकार के कदम का जमकर विरोध कर रहे हैं... सबसे बड़ा सवाल तो ये है कि आखिरकार एक आदतन अपराधी के परिजन को मुआवजा देकर सरकार क्या साबित करना चाहती है... बीजेपी और कांग्रेस क्यों एक आदतन अपराधी को हीरो साबित करने में जुटे है.. क्या वोट बैंक की राजनीति ऐसी हो गई है कि सभी ने अपनी आंखे मूंद ली हैं.