अव्यवस्था ऐसी कि आय-व्यय की बैलेंस शीट ही बिगड़ी, दूसरों के भरोसे विकास -विकास के लिए एक रुपए में ग्रेटर 26 पैसा और हैरिटेज निगम 25 पैसा का ही दे पाते योगदान