पहले मानसून पूर्व की बारिश, फिर मानसून आया तो सावन से पहले सावन सी छटा छा गई। जैसे बाग बगीचों व खेतों में बहार आ गई। कृषक उत्साहित हो गए। खेतों में उत्साह के गीत गूंजने लगे। बरखा की बूंदों से प्रकृति ने हरयाला श्रृंगार कर लिया। तालाब व नदियों में लहरें उठने लगी तो इधर पर