महाराष्ट्र में विश्वास मत के दिन कांग्रेस के 11 विधायक सदन में वोट नहीं दे सके, क्योंकि उन्हें ट्रैफिक की वजह से देर हो गई थी. यही हाल दूसरी जगहों का भी है. मध्यप्रदेश में कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच तल्ख रिश्तों को सुधारने में देरी हुई और सिंधिया बीजेपी के पास चले गए. राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनने में देर हो ही रही है. राज्यसभा चुनाव में देरी हुई ही. राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित करने में भी देर हुई. हर उस जगह पर कांग्रेस ने देर की, जिसका सीधा फायदा बीजेपी को मिला और बीजेपी ने उसे अच्छे से भुनाया. तो क्या कांग्रेस अब भी देर ही करेगी और इतनी देर करेगी कि ये देरी उसपर और भारी पड़ेगी, बता रहे हैं कार्यकारी संपादक विजय विद्रोही.