पिछले कुछ दिनों के घटनाक्रम पर नजर डालें तो लगता है देश का सांप्रदायिक सौहार्द खतरे में है. नफरत का कारोबार धड़ल्ल से जारी है. उदयपुर में तो कट्टर सोच ने मौत का वो तांडव किया जो तालिबान से लेकर ISIS तक की खौफनाक हरकतों की याद दिला देता है. कौन हैं वो लोग जो नफरत के बीज बो रहे हैं. कट्टर सोच को खाद पानी दे रहे हैं. हमने जब एक मदरसे की पड़ताल की तो पाया कि वहां के कुछ छोटे छोटे बच्चों के दिमाग में भी जहर भर दिया गया था. आखिर सर तन से जुदा जैसे नारे एक सभ्य समाज में कैसे लगाए जा सकते हैं. जो देश कानून से, संविधान से चलता है वहां कौन बर्बर सोच के पौधों को सींच रहा है. आज बहुत जरुरी है ऐसे लोगों की हकीकत आपके सामने लाना.