एकनाथ शिंदे ने ट्वीट कर कहा है कि वह किसी की धमकी से डरने वाले नहीं हैं. उनका कहना है कि वह कानून और सुनील प्रभु की चालबाजियों को अच्छे से समझते हैं. शिंदे का कहना है कि संविधान की 10वीं अनुसूची के अनुसार व्हिप विधायी कार्यों के लिए लागू किया जाता है किसी बैठक के लिए इसका इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है.