अब लगभग तय है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को कुर्सी छोड़नी ही पड़ेगी, क्योंकि उनकी पार्टी के कद्दावर नेता और सरकार में मंत्री एकनाश शिंदे ने करीब 40 विधायकों के साथ बगावत कर दी है. अब उद्धव के सामने दो ही विकल्प हैं. पहला तो ये है कि वो बगावत के बाद भी विधानसभा में अपना बहुमत साबित करें. और दूसरा ये कि वो एकनाथ शिंदे को मनाकर अपने पाले में ही रखें. वहीं शिंदे की शर्त है कि वो शिवसेना में तभी रहेंगे, जब शिवसेना बीजेपी के ही साथ सरकार बनाएगी और एनसीपी-कांग्रेस से गठबंधन तोड़ेगी. लेकिन सबसे बड़ी मुश्किल ये है कि अगर शिंदे नहीं माने और जिस 40 की संख्या वो बता रहे हैं, उतने विधायक उनके पास हैं, तो फिर शिवसेना भी शिंदे की ही हो जाएगी और उद्धव के हाथ न सत्ता रहेगी और न पार्टी. ऐसे में अब उद्धव के सामने क्या विकल्प हैं, बता रहे हैं जीतेंद्र दीक्षित.