ज्येष्ठ महीने के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को भगवान विष्णु के त्रिविक्रम और वामन अवतार की पूजा की जाती है.... इसे त्रिविक्रम द्वादशी कहा जाता है... इस दिन व्रत रखने से शारीरिक परेशानियां दूर होती हैं... साथ ही जाने-अनजाने में हुए पाप भी खत्म होते हैं... इस दिन उपवास करने का विधान ग्रंथों में बताया गया है... उपवास का शाब्दिक अर्थ है उप यानी समीप और वास का अर्थ है पास में रहना... यानी भोजन और सभी सुखों का त्याग कर के भगवान को अपने करीब महसूस करना ही उपवास है...