इस बार राष्ट्रपति चुनाव के लिए चर्चा चल रही है कि बीजेपी किसी मुस्लिम चेहरे जैसे कि आरिफ मोहम्मद खान या फिर मुख्तार अब्बास नकवी को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित कर सकती है. इस चर्चा को बल इसलिए भी मिल रहा है, क्योंकि नुपूर शर्मा विवाद के बाद बीजेपी के खाड़ी देशों से रिश्ते बिगड़ते दिखने लगे हैं. और इसे सुधारने के लिए मुस्लिम चेहरे की जरूरत है. हालांकि बीजेपी ऐसा शायद ही करे, क्योंकि राष्ट्रपति चुनाव के बाद 2024 में लोकसभा का भी चुनाव होना है और उससे पहले 2022-23 में कई राज्यों में विधानसभा चुनाव भी होने हैं, जहां मुस्लिम चेहरे पर दांव लगाना बीजेपी को भारी पड़ सकता है. इसके अलावा बीजेपी को ऐसा राष्ट्रपति भी चाहिए, जो उनके बिल पास कर सके. जबकि आरिफ मोहम्मद खान ऐसे रहे हैं, जिन्होंने अपनी ही सरकार में अपने ही प्रधानमंत्री राजीव गांधी का विरोध कर पार्टी से इस्तीफा दे दिया था. तो राष्ट्रपति बनने के बाद भी कुछ गलत होता देख आरिफ मोहम्मद खान की अंतरआत्मा जाग गई तो बीजेपी को नुकसान हो सकता है. आखिर कौन सी वजहें हैं कि बीजेपी की ओर से राष्ट्रपति के लिए मुस्लिम उम्मीदवार की हवा बन रही है और आखिर कौन सी वो हकीकत है कि बीजेपी मुस्लिम चेहरे पर दांव नहीं लगाएगी, समझा रहे हैं कार्यकारी संपादक विजय विद्रोही.