जम्मू कश्मीर की और वहां खौफ के साए में जी रहे आम आदमी की. जब जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाया गया तो लगा कश्मीर के अच्छे दिन आने वाले हैं. ऐसा हुआ भी. काफी दिनों तक अमन चैन कायम रहा लेकिन पिछले कुछ दिनों से जम्मू कश्मीर की फिजा बदली बदली सी है. एक बार फिर वहां डर और दहशत का वातावरण है. विपक्षी पार्टियां कह रही हैं कि वहां 90 के दशक वाला बुरा दौर लौट आया है. राजनेता कुछ भी कहें, राजनीति कुछ भी हो लेकिन सच्चाई तो ये है ही कि वहां टारगेट किलिंग की वजह से गैर कश्मीरी और कश्मीरी पंडित बहुत डरे हुए हैं. कुलगाम से तो ऐसी तस्वीर सामने आई जिसमें पंडित परिवारों के नर्सरी से दसवीं तक के बच्चे स्कूल यूनिफॉर्म पहनकर घर से निकलते तो दिखते हैं लेकिन स्कूल जाने की बजाए दहशत के मारे एक कमरे में बंद होकर ऑनलाइन पढ़ाई करने को मजबूर हैं.