विलासिता विकास का पर्याय बन गयी है और इसकी वजह है हमारी जीवन शैली, पर्यावरण सुरक्षा और ग्लोबल वार्मिंग के साथ स्वच्छता संदेश को जन जागरण बनाकर बलिया में सामाजिक शिक्षा क्षेत्र में कार्यरत शैलेन्द्र और उनके सहयोगियों ने मऊ के तमसा घाट से वाराणसी के अस्सी घाट तक की 120 कि