छोटे बच्चों के लिए मदरसा शिक्षा का विरोध करते हुए.... असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने रविवार यानी 22 मई को कहा कि किसी भी धार्मिक संस्थान में प्रवेश उस उम्र में होना चाहिए जहां व्यक्ति अपने निर्णय खुद ले सकें..... बच्चों को इसका ज्ञान नहीं होता करियर में क्या करना है और क्या नहीं .... तभी मदरसे में डाल दिए जाते हैं.... यह मानवाधिकार का उल्लघंन है....