डेढ़ दशक पूर्व तक नैनवां उपखण्ड की दुगारी की रियासतकालीन कनकसागर झील भी 80 से ज्यादा प्रवासी व अप्रवासी प्रजाति के पक्षियों का महानगर बनी हुई थी।