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"सरकार और दरबारी चैनल आपको मंदिर मस्जिद के विवाद में फंसा कर रख रही है और महंगाई आपकी में लूटमार कर रही है. ये खबर कई चैनल आपको नहीं दिखाएंगे और ना ही इसे टीवी चैनल के प्राइम टाइम पर जगह मिलेगी
कुछ वक़्त पहले सरकार में अप्रैल के महीने के महंगाई दर के आकड़े जारी किये है और इन आकड़ों के मुताबिक, अप्रैल में महीने का महंगाई दर अपने रिकॉर्ड पर पहुँच गया है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार मार्च माह में खुदरा मुद्रास्फीति 6.95 प्रतिशत थी जो अप्रैल में छलांग लगात हुए 7.79 प्रतिशत पर पहुंच गई है. जबकि खाद्य मुद्रास्फीति की दर 8.38% रही है. महंगाई का यह दौर इसके पहले मई 2014 में देखने को मिली थी.
वित्त मंत्रालय ने अपनी मासिक आर्थिक समीक्षा रिपोर्ट में कहा था कि सरकार और आरबीआई द्वारा उठाए गए कदमों से ही मौजूदा वित्त वर्ष में महंगाई बनी रहने की अवधि कम हो सकती है। मंत्रालय ने कहा है कि वह महंगाई को कम करने के लिए कदम उठाएगा।
अप्रैल के महीने में सबसे ज़्यादा महंगाई खाने पिने की चीजों में देखने मिली. अप्रैल के फूड बास्केट की महंगाई के आंकड़े भी इसकी पुष्टि करते हैं. अप्रैल में खाद्य महंगाई 8.38% पर रही है. जबकि मार्च 2022 में यह 7.68% थी और पिछले साल अप्रैल में 1.96% थी.
खाने-पीने की महंगाई बढ़ाने में सबसे बड़ा हाथ खाद्य तेल की कीमतों में तेजी आना है. इसके अलावा डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत में गिरावट और ईंधन की कीमतों के उच्च स्तर पर बने रहने से भी महंगाई बढ़ी है.