आज मायावती अपना हर भाषण कागज में देखकर पढ़ती है. लेकिन 1996 से पहले मायावती बिना किसी कागज के दमदार भाषण दिया करती थी. दरअसल 1996 में मायावती के गले का ऑपरेशन हुआ था. जिसके बाद से मायावती के हाथ में कागज आ गया.आज आपको मायावती के उस भाषण की कहानी दिखाएंगे जिसने जनता को मुरीद बना लिया था.