जिले में गर्मी के शुरुआती महीने में ही जलसंकट गहरा गया। गर्मी बढऩे के साथ ही शहर से लेकर गांवों तक पानी की किल्लत शुरू हो गई। कुछ जलाशयों को छोड़कर सब रीत गए। चम्बल परियोजना पर पानी की तरह पैसा बहाया लेकिन यह बाशिंदों को पर्याप्त पानी उपलब्ध करा पाने में नाकाम रही।