News about the quality of education in the country is often in discussions. In such a situation, along with the efforts of the state, the central government also makes continuous efforts for its betterment. The establishment of Kendriya Schools in different states of the country is a sample of such efforts of the Centre. But the small number of these schools often remains in question. In such a situation, an RTI report has revealed an interesting that, in the matter of construction of Kendriya schools, who was ahead between Modi and Manmohan regime?
देश में शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर खबरें अक्सर चर्चाओं में रहती हैं। ऐसे में प्रदेश की कोशिशों के साथ-साथ केन्द्र सरकार भी इसकी बेहतरी के लिये लगातार प्रयास करती है। देश के अलग-अलग राज्यों में केन्द्रीय स्कूलों की स्थापना केन्द्र की ऐसे ही प्रयासों का एक नमूना है। लेकिन इन स्कूलों की कम संख्या अक्सर सवालों में रहता। ऐसे में एक आरटीआई रिपोर्ट से दिलचस्प खुलासा हुआ है, कि केन्द्रीय स्कूलों के निर्माण के मामले में मोदी और मनमोहन शासन में से कौन आगे था?
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