कार्रवाई के दौरान सभी को ध्वस्त कर दिया गया। यह जमीन जेडीए ने एक और दो फरवरी को अतिक्रमण से मुक्त करवाई थी, लेकिन अतिक्रमियों ने दो फिर से कब्जा करना शुरू कर दिया।