दो सप्ताह तक 100 डॉलर बैरल से ऊपर रहने के बाद वैश्विक बाजारों में कच्चे तेल के दाम नरम होकर 99.84 डॉलर प्रति बैरल पर आ गए। इससे खुदरा तेल कंपनियों पर मार्जिन दबाव कम हुआ है। कंपनियों ने कच्चे माल की लागत बढ़ने के बावजूद पेट्रोल और डीजल के दाम नहीं बढ़ाए हैं।