भोपाल। मंगलवार, 8 मार्च को महिला दिवस है। इस अवसर पर महिलाओं की महिमा का बखान करते हुए उनके सशक्तिकरण की बड़ी-बड़ी बातें की जाएंगी। लेकिन प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ उत्पीड़न की शिकायतें सुनने और कार्रवाई करने वाले राज्य महिला आयोग सियासी खींचतान के लिए दो साल से ठप पड़ा है। आयोग के अध्यक्ष पद को लेकर बीजेपी और कांग्रेस के बीच चल रही जंग के चलते यहां पीड़ित महिलाओं को इंसाफ मिलना तो दूर उनकी शिकायतों की सुनवाई भी नहीं हो पा रही है। इसकी वजह सालाना ढाई करोड़ रुपए के खर्च से चलने वाले आयोग के सुनवाई कक्ष में ताला पड़ा होना है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि आखिरकार कैसे होगा महिला सशक्तिकरण।