भोपाल से राहुल शर्मा और जबलपुर से ओपी नेमा. मध्य प्रदेश का बजट सत्र 7 मार्च से शुरू होने वाला है। ऐसे में एक बार फिर सरकार लोगों को लुभाने के लिए योजनाओं का पिटारा खोलेगी और इन योजनाओं में करोड़ों रुपए दिए जाएंगे। इनमें से कुछ योजनाएं भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ेंगी तो कुछ ऐसी होंगी जिसका कोई मतलब ही नहीं है। मेरा बजट-मेरा ऑडिट की पहली कड़ी में हम आपको ऐसी ही एक योजना साइकिल ट्रैक के बारे में ऑन ग्राउंड जाकर बताएंगे कि कैसे एक बेमतलब की योजना में करोड़ों फूंक दिए और उसका उपयोग नहीं हो रहा।
द सूत्र ने योजना की पड़ताल राजधानी भोपाल और जबलपुर से की। दोनो जगह स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत ये साइकिल ट्रैक बनाए गए। भोपाल में 8 करोड़ से ज्यादा की लागत से 3 अलग-अलग जगह साइकिल ट्रैक बनाए गए। वहीं, जबलपुर में ट्रैक बनाने के लिए 6 करोड़ फूंके गए। इन साइकिल ट्रैक की हकीकत ये है कि यहां से दिनभर में बमुश्किल 50 साइकिलें ही गुजरती होंगी। कहीं ये ट्रैक टूटे-फूटे मिले तो कहीं इन पर कब्जा हो चुका है। लोग यहां अपने वाहन पार्क कर रहे हैं या गुमटियां लग गई है।