Due to increasing pollution and dust, soil etc., it is affecting the lungs and respiratory system of the people. Due to this there is a negative effect on the respiratory rate of the people. Actually respiration rate or respiratory rate is the number of breaths taken by any person normally every minute. If there is an imbalance in the respiratory rate or respiration rate, many problems can also happen to a person. Even when the respiratory system of the body is damaged, imbalance is seen in it.
बढ़ते प्रदूषण और धूल मिट्टी आदि के कारण लोगों के फेफड़ों और श्वसन तंत्र पर इसका असर पड़ रहा है। इसकी वजह से लोगों के श्वसन दर यानी रेस्पिरेशन रेट (Respiration Rate) पर नकारात्मक असर पड़ रहा है। दरअसल रेस्पिरेशन रेट या श्वसन दर किसी भी व्यक्ति द्वारा सामान्य रूप से हर मिनट ली जाने वाली सांसों की संख्या को कहते हैं। श्वसन दर या रेस्पिरेशन रेट में असंतुलन होने पर इंसान को कई समस्याएं भी हो सकती हैं। शरीर का रेस्पिरेटरी सिस्टम खराब होने पर भी इसमें असंतुलन देखने को मिलता है।
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