यूपी विधानसभा चुनाव से पहले एक बार फिर..शाहीन बाग पर सियासी संग्राम छिड़ गया है..ओवैसी..अखिलेश से लेकर विपक्षी नेता नये नये मुद्दे को लेकर सरकार को घेरने में लग गए हैं..कोई जिन्ना तो कोई शाहीन बाग के नाम लोगों को गुमराह करने लगा है। अखिलेश से एक कदम आगे निकलते हुए..असदुद्दीन ओवैसी ने कुछ दिन पहले NPR और NRC पर कानून बनाने पर यूपी को शाहीन बाग बनाने की धमकी दे डाली..जिसके बाद सीएम योगी ने एक बार फिर बयानवीरों को निशाने पर लेते हुए जमकर हमला बोला..कानपुर में बीजेपी यूथ सम्मेलन में योगी आदित्यनाथ का प्रचंड तेवर दिखा..योगी ने ओवैसी को वार्निंग देते हुए कहा कि..अगर प्रदेश की भावनाओं को भड़का कर कोई माहौल खराब करने की कोशिश करेगा तो फिर उनसे सरकार सख्ती से निपटना जानती है। यही नहीं मुख्यमंत्री ने ओवैसी को समाजवादी पार्टी का एजेंट बनकर लोगों की भावनाओं को भड़काने का आरोप लगाया। आज सबसे मु्द्दा में इसी मसले पर चर्चा करेंगे..सवाल ये है कि क्या अखिलेश के एजेंट हैं ओवैसी? क्या UP की शांति के ख़िलाफ़ 'शाहीन साज़िश' रची जा रही है.. क्या सीएम योगी के प्रचंड तेवर से ओवैसी का 'ज़हर' कम होगा।