इस बार देवउठनी एकादशी और तुलसी विवाह जो दोनों एक ही दिन होते हैं इसका मान 14 और 15 दोनों दिन है।चूंकि 14 को सूर्योदय से एकादशी तिथि 14 तारीख को नहीं थी इसलिए तुलसी विवाह 15 नवंबर को भी मनाया जा रहा है। पुराणों के अनुरूप चार माह शयन के बाद विष्णु जी आज ही के दिन योग निद्रा से उठते हैं और इसलिए इसे देवउठनी एकाजशी भी कहते हैं। इसी दिन से विवाह एवं मांगलिक कार्यक्रम भी शुरु हो जाते हैं।तुलसी विवाह कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को किया जाता है।