झारखंड के सपूत बिरसा मुंडा का जन्म भी 15 नवंबर को ही हुआ था। ऐसे में यह समझा जा सकता है कि झारखंड के लिए बिरसा मुंडा की अहमियत क्या है। लेकिन बिरसा मुंडा को सिर्फ झारखंड या बिहार तक सीमित करना बिलकुल भी ठीक नहीं है। बिरसा मुंडा ने अंग्रेजों और जमींदारों के खिलाफ एक सशक्त आदिवासी आंदोलन चलाया और अपने समाज में मौजूद कुछ कुरीतियों को भी हटाने का काम किया।
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