पिछले हफ्ते टीआरपी पर कब्जे को लेकर नोएडा फिल्मसिटी की बैरकों में भारी गोलीबारी हुई है. पिछली टिप्पणी में हमने आपको उसकी एक झलक भी दिखाई थी. #MumbaiPolice द्वारा ऐसे कुछ लोगों को ढूंढ़ निकालने के बाद एक बड़ा विवाद शुरू हुआ जिसमें खुलासा हुआ कि #RepublicTV वाले #ArnabGoswami और दो अन्य स्थानीय भाषा के चैनल टीआरपी के लिए बार्क मीटर लगे घरों में सेंध लगाकर टीआरपी को अपने पक्ष में प्रभावित कर रहे थे.
इसे लेकर अन्य चैनलों के एंकर-एंकराओं ने रिपब्लिक टीवी पर नैतिक हमला बोल दिया. लेकिन इस आपसी कतरब्यौंत में दर्शकों को कतई भटकना नही चाहिए. इस घटना से खबरों और पत्रकारिता के लिए एक धुंधली सी उम्मीद पैदा हुई है. यह उम्मीद है टेलीविज़न न्यूज़ के खामियों भरे रेवेन्यू मॉडल और रेटिंग सिस्टम में सुधार की.
इस बार की टिप्पणी में हमने टीआरपी की इस व्यवस्था को नए सिरे से समझाने की कोशिश की है.
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