इस हफ्ते जो विषय एनएल चर्चा में शामिल हुए उनमें डेमोक्रेटिक पार्टी की तरफ से अमेरिकी राष्ट्रपति के उम्मीदवारी की होड़ में शामिल अमेरिकी सीनेटर बर्नी सांडर्स द्वारा कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाने जाने की फैसले पर नाराजगी जताई है. कश्मीरी पत्रकार गौहर गिलानी को दिल्ली स्थिति आईजीआई एयरपोर्ट पर अंतिम क्षणों में विदेश जाने से रोक दिया गया. इसके अलावा हाल ही में एनआरसी का लिस्ट जारी हुई जिसमें 19 लाख लोगों की भारतीय नागरिकता खतरे में बताई जा रही है. इसके अलावा आईएनएक्स मीडिया के मामले में पूर्व वित्त मंत्री पी चितंबरम को न्यायिक हिरासत में भेजने का निर्णय कोर्ट ने दिया है. चिदंबरम फिलहाल तिहाड़ जेल में हैं. साथ ही उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में मिडडे मील में नमक रोटी दिए जाने की घटना उजागर करने वाले पत्रकार पवन जायसवाल पर पुलिस ने साजिश का आरोप लगाकर एफआईआर दर्ज किया है. इस हफ्ते इन्हीं विषयों के इर्द गिर्द चर्चा हुई.
'एनएल चर्चा' में इस बार दो खास मेहमान शामिल हुए. कार्यक्रम में पत्रकार मोहम्मद सैफ और लेखक व वरिष्ठ पत्रकार अनिल यादव बतौर पैनलिस्ट मौजूद रहे. चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के कार्यकारी संपादक अतुल चौरसिया ने किया.
चर्चा की शुरुआत पूर्व वित्त मंत्री चितंबरम के मामले से हुई. अतुल ने कहा कि पी चितंबरम को तिहाड़ जेल भेज दिया गया है. पिछले 15 दिन से सारी कसरत जारी थी कि किसी तरह से उन्हें जेल न जाना पड़े. इसके लिए तमाम बड़े-बड़े वकील लगे हुए थे. पर अदालत ने उन्हें अंतत न्यायिक हिरासत में भेजने का फैसला लिया है. अतुल ने मोहम्मद सैफ से पूछा कि क्या इस मामले में कानून अपना काम कर रहा है? तो क्या ज्यादा दाएं बाएं देखने की क्या ज़रूरत है?
जवाब में मोहम्मद सैफ ने कहा, “देखिए अगर सिर्फ इस मामले को देखें तो आप कह सकते हैं कि कानून अपना काम कर रहा है. चाहे कोई आदमी कितना ही बड़ा रहा हो उसके खिलाफ अगर जांच एजेंसी कुछ कर रही है तो उस पर सवाल नहीं उठाया जा सकता है. मगर आप बड़े स्तर पर देखे तो जिस तरह से कुछ विपक्षी दलों के नेताओं के खिलाफ लगातार जांच एजेंसियां काम कर रही है. मामले खोल रही हैं. जिस फुर्ती से उन मामलों को देख रही हैं. वो बराबरी से नहीं हो रहा है. यह ध्यान देने लायक चीज है. जिस नेता पर कोई आरोप है. जब तक वो बीजेप?