एनएल चर्चा 76: वित्त मंत्री द्वारा पेश बजट, कर्नाटक में सियासी संकट, कांग्रेस में मचा घमासान और अन्य

2021-11-10 0

बीता हफ़्ता तमाम उतार-चढ़ाव की ख़बरों से भरा हफ़्ता रहा. मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में पहली बार वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा बजट पेश किया गया. कर्नाटक में पिछले कुछ दिनों से कांग्रेस और जनता दल (सेक्युलर) की संयुक्त सरकार पर खतरा मंडरा रहा है. दिल्ली सरकार ने सीसीटीवी लगाने की योजना को दिल्ली के सरकारी स्कूलों की कक्षाओं में लागू करने का फैसला लिया है. राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद अब कांग्रेस पार्टी के दो बड़े नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया और मिलिंद देवड़ा द्वारा भी अपने-अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया गया. मिलिंद देवड़ा ने अपनी चिट्ठी में राष्ट्रीय स्तर की राजनीति में उतरने के संकेत दिये, जिससे राजनितिक गलियारों में गहमा-गहमी बढ़ गयी है. बीते दिनों यूएन द्वारा कश्मीर में मानवाधिकारों के उल्लंघन से संबंधित रिपोर्ट जारी की गयी, जो काफी चर्चा का विषय रही. नोबल पुरस्कार के विजेता अमृत्य सेन ने अपने एक बयान में कहा कि जय श्री राम का नारा बंगाल में नया आया है, बंगाल की मूल संस्कृति से इसका लेना-देना नहीं है.

एन एल चर्चा के इस पॉडकास्ट में लेखक और पत्रकार अनिल यादव मौजूद रहे. साथ ही माखनलाल चतुर्वेदी यूनिवर्सिटी में अध्यापन कार्य कर रहे शिक्षाविद राकेश योगी भी चर्चा का हिस्सा बने. चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के कार्यकारी संपादक अतुल चौरसिया ने किया.

चर्चा की शुरुआत करने से पहले संचालक अतुल चौरसिया द्वारा ‘टीम वर्क्स आर्ट’ और ‘न्यूज़लॉन्ड्री’ द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किये जाने वाले कार्यक्रम ‘मीडिया रम्बल’ के रजिस्ट्रेशन और शैड्यूल के बारे में दर्शकों को सूचित किया गया. साथ ही अतुल ने ‘एनएल चर्चा’ के फ़ॉर्मेट में हुए बदलाव के बारे में भी बताया.

चर्चा की शुरुआत करते हुए अतुल ने कहा कि “बजट में काफी सारी चीज़ों पर पहले भी बात हो चुकी है, मगर पत्रकारिता के लिहाज़ से इसमें दो चीज़ें महत्वपूर्ण रहीं. पहला यह कि अखबार और पत्रिकाओं के कागज़ पर सरकार द्वारा पहली बार कस्टम ड्यूटी लगाने का फैसला लिया गया है. सरकार द्वारा इस पर यह कहा गया कि इससे भारतीय कंपनियों को बाज़ार में विदेशी कंपनियों के मुकाबले ज़्यादा मुनाफा कमाने का अवसर मिलेगा. मगर इसका दूसरा और महत्वपूर्ण पहलू यह है कि ज़्यादातर अखबार कागज़ की आपूर्ति क

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