संजय धृतराष्ट्र के बीच इस हफ्ते डंकापति की काशी यात्रा को लेकर गहन विमर्श हुआ. धृतराष्ट्र की इच्छा काशी की थी और लगे हाथ गंगा स्नान का भी लोभ था. किसानों की समस्या भी इस हफ्ते संवाद का अहम हिस्सा रहा.
दिल्ली के इर्द-गिर्द #Farmers का जमावड़ा लग गया है. इतने व्यापक किसान प्रदर्शन के मौके पर हमारे खबरिया चैनलों और कुछ अखबारों ने दरबारी चारण भाव में किसानों का विरोध किया. ऐसा करते हुए चैनलों ने बैलेंसिंग एक्ट में रस्सी पर करतब दिखाने वाले मदारी और जमूरों को भी मात दे दी.
इस कहानी के तीन हिस्से हैं. पहला हिस्सा एंकर एंकराओं की गदहपचीसी, दूसरा हिस्सा किसानों की प्रतिक्रिया और तीसरे हिस्से में चैनलों की बदली हुई रणनीति रही. हम किसानों के विरोध प्रदर्शन को इसी क्रम में देखेगे.
#SudhirChaudhary ने प्रदर्शनकारी किसानों के दिल्ली पहुंचने से बहुत पहले ही घोषणा कर दी किसानों के आंदोलन में विदेशी शक्ति, विदेशी एनजीओ, विपक्षी राजनीतिक दल और साथ में देशविरोधी तत्वों की भूमिका है. देश की तमाम सरकारी खुफिया एजेंसियां जो न देख सकी उसे सुधीर ने फिल्मसिटी की सेक्टर 16ए की बैरक में बैठे-बैठे ही देख लिया.
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