इस बार की चर्चा का केंद्र रहा दिल्ली के रामलीला मैदान में देश भर से इकट्ठा हुए किसान और उनका संसद मार्च. इसके अलावा अयोध्या और बनारस में राम मंदिर निर्माण पर दो अलग-अलग संतों के आयोजन हुए, साथ ही साथ राजस्थान चुनाव में कांग्रेस की ओर से प्रधानमंत्री पर व्यक्तिगत आरोप प्रत्यारोप का मुद्दा, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का भगवान हनुमान को दलित समुदाय का बताने से मचे विवाद आदि विषय इस बार की चर्चा के मुख्य बिंदु रहे.
इस बार की चर्चा में बतौर मेहमान शामिल हुए मीडिया विजिल वेबसाइट के संस्थापक सदस्य और पत्रकार अभिषेक श्रीवास्तव. इसके अलावा न्यूज़लॉन्ड्री के असिस्टेंट एडिटर राहुल कोटियाल भी चर्चा में शामिल रहे. न्यूज़लॉन्ड्री के विशेष संवाददाता अमित भारद्वाज इस समय राजस्थान चुनाव की कवरेज कर रहे हैं. वो हमसे फोन पर जुड़े. चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के कार्यकारी संपादक अतुल चौरसिया ने किया.
चर्चा की शुरुआत अतुल चौरसिया ने न्यूज़लॉन्ड्री के विशेष संवादाता अमित भारद्वाज के सामने एक सवाल रखकर की, “अमित हम देखते आ रहे हैं कि गुजरात के बाद राजस्थान का एक हिस्सा पिछले 3-4 सालों में हिंदुत्व की प्रयोगशाला के तौर पर उभरा है. अलवर के इलाकों में समय-समय पर गौरक्षकों का आतंक दिखा. अलवर के इलाके में कई मॉब लिंचिंग की घटनाएं देखने को मिली. क्या इन घटनाओं का असर राजस्थान के चुनाव पर दिख रहा हैं?”
अमित ने कहा, “मैंने अपने कवरेज की शुरुआत राजस्थान के अलवर और भरतपुर इलाके से की थी. अलवर में विधानसभा की 11 सीटें है और भरतपुर में 7. अलवर इलाके में उग्र हिंदुत्व के कारण एक डिवाइड दिख रहा है. आप अगर मुस्लिम वोटर्स के पास जाएंगे तो उनकी एक अलग प्रतिक्रिया है और अगर आप हिन्दू वोटर के पास जाएंगे तो उनकी एक अलग प्रतिक्रिया है. यह कहीं ना नहीं पिछले कुछ सालों में हुई घटनाओं के कारण है. चाहे वो मॉब लिंचिंग हो या गौरक्षा हो. तमाम जो हिंदूवादी सांगठनों ने जो गतिविधियां की हैं, उनका असर इस चुनाव में साफ़-साफ़ दिख रहा है. इस इलाके में जब हमने कुछ लोगों से बात की तो पाया कि भाजपा को एक बढ़त है, हालांकि बहुतायत में युवा मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से खुश नहीं है. वहां युवा नारा लगा रहे थे- मोदी तुझसे बैर नहीं, वसुंधरा तेरी खैर नहीं.”