एनएल टिप्पणी: मॉब लिंचिंग पर सुप्रीम कोर्ट का ब्रेकर

2021-11-10 0

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को मॉब लिंचिंग से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान कुछ बेहद जरूरी दिशानिर्देश जारी किए. पिछले एक महीने के दौरान देश के अलग-अलग हिस्सों में बच्चा चोरी की अफवाह पर 19 से ज्यादा लोगों की हत्या हो चुकी है. इससे पहले अखलाक, जुनैद, पहलू खान आदि तमाम लोगों को गोरक्षा के नाम पर मारने की घटनाएं सामने आती रहीं. जाहिर तौर पर इस खूनी भीड़तंत्र की सबसे बड़ी वजह देश का राजनैतिक वर्ग है. सत्ता और विपक्ष दोनों. सत्ता पक्ष इस नए चलन से होने वाले सियासी लाभ की उम्मीद में चुप है और विपक्ष इस पर बोलने से होने वाले किसी भी संभावित नुकसान का आकलन करके चुप है. इन दोनों की चुप्पी ने भीड़तंत्र को मौन सहमति दी है.

सरकार को सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का फायदा उठाते हुए व्यापक स्तर पर सालह-मशविरे के प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए. नफरत का माहौल, बहुधर्मी, बहुसांस्कृतिक समाज, पंथ निरपेक्ष मूल्य और इन सबके ऊपर विचारों, खानपान, भाषा के प्रति असहनशीलता के इस समय में सुप्रीम कोर्ट ने सही मौके पर सही हस्तक्षेप किया है.

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