धर्मनगरी हरिद्वार में मठ-मंदिर, आश्रम और अखाड़ों के पास अकूत धन संपत्ति है। ऐसे में ज्यादातर तो संस्थाओं को संपत्ति दान में मिली है। संपत्ति और साजिश में तीन दशकों में कई संत अपनी जान गंवा चुके हैं। कई आज तक लापता हैं। हरिद्वार में कई आश्रम और अखाड़ों की संपत्तियों पर विवाद चल रहा है। वहीं, आज भी सांसारिक और पारिवारिक मोह माया से दूर रहने का उपदेश देने वाले कई संत और महंत इनके चक्करों में पड़े हुए हैं। साथ ही आलीशान आश्रमों में रहते हैं। जहां कई संत तो करोड़ों रुपए की महंगी और लग्जरी गाड़ियों के शौकीन है। भगवा वस्त्र पहनते जरूर हैं, लेकिन संतों का रहन-सहन किसी राजशाही से कम नहीं है। लेकिन हकीकत ये भी है कि धर्मनगरी हरिद्वार ज्यादातर संत और महंतों के खून से लाल होती आई है।
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