बाड़मेर. थार की धरा में बरसात का इंतजार करते-करते आंखें थक चुकी है। ज्येष्ठ-आषाढ़ और सावन लगभग सूखे ही निकल गए तो अब भादवा भी उम्मीद खत्म कर रहा है। अमूमन कजली तीज के आसपास बरसात होती है लेकिन इस बार एेसा नजर नहीं आया। इस पर अब थारवासियों को अकाल की आहट दे रहा है तो गांव-गा