Paralysis, which is also called paralysis in common language, in this disease the reactions of our body parts, the ability to speak and feel is completely lost. Often paralysis occurs due to a blood clot in the brain. In this condition usually a part of the body is paralyzed. In this condition there may be weakness in the face, or in one arm, leg, or body and entire part of the face. Experts believe that in the condition of paralysis, the sensation does not come again in the body. Not only this, the patient suffering from paralysis is not able to do his work on his own, although after two to three days of treatment, the patient's condition starts improving and recovery starts in six months. According to experts, a patient suffering from paralysis makes a complete recovery in one and a half years. However, it can be avoided by recognizing its signs before paralysis occurs. If you are also unaware of its symptoms, then we are going to tell you 6 such signs, which can cause paralysis.
पैरालिसिस यानि लकवा, जिसे आम भाषा में पक्षाघात भी बोलते हैं, इस रोग में हमारे शरीर के अंगों की प्रतिक्रियाएं, बोलने और महसूस करने की क्षमता बिल्कुल समाप्त हो जाती हैं। अक्सर ब्रेन में खून का थक्का जमने के कारण लकवा हो जाता है। इस स्थिति में आमतौर पर शरीर के एक हिस्से को लकवा मार जाता है। इस स्थिति में चेहरे, या एक बांह, पैर या शरीर और चेहरे के पूरे एक हिस्से में दुर्बलता आ सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि लकवे कि स्थिति में शरीर में दोबारा सेन्सेशन नहीं आ पाता। इतना ही नहीं लकवे से पीड़ित मरीज अपना काम खुद करने में समर्थ नहीं रह पाता हालांकि उपचार के दो से तीन दिन बाद मरीज की स्थिति में सुधार जरूर शुरू होने लगता है और छह महीने में रिकवरी होने लग जाती है। विशेषज्ञों के मुताबिक लकवे से पीड़ित मरीज डेढ़ साल में पूरी तरह से रिकवरी कर जाता है। हालांकि लकवा आने से पहले इसके संकेतों को पहचान कर इससे बचा जा सकता है। अगर आप भी इसके लक्षणों से अनजान हैं तो हम आपको ऐसे 6 संकेत बताने जा रहे हैं, जो पैरालिसिस का कारण बन सकते हैं।
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