Janmashtami 2021:Banke Bihari Mandir में साल में सिर्फ1 बार जन्माष्टमी पर क्यों होती है Mangla Aarti

2021-08-30 1

Shri Vrindavan Dham is such a holy land of Brij, where all sins are destroyed just by coming. By coming here, everyone wants to do themselves a favor by having darshan of Shri Banke Bihari ji. It is believed that Shri Banke Bihariji Temple located in Vrindavan was built around 1921 by the collective efforts of the descendants of Swami Shri Haridas ji. Vaishnava Swami Haridas ji was born in Samvat 1536 in a village called Rajpur near Vrindavan on the Ashtami day in the Shukla Paksha of Bhadrapada. His deity was Shri Krishnaji. Haridasji is considered to be the incarnation of Rasnidhi Sakhi. He had detachment from the world since childhood. In adolescence, he took initiation from his guru Ashudhir ji, and started being engrossed in the pastimes of Bihariji and his meditation at a solitary place in Nikunj near Yamuna.

श्री वृन्दावन धाम बृज की एक ऐसी पावन भूमि है, जहाँ आने मात्र से ही सभी पापों का नाश हो जाता है। यहां आकर हर कोई श्री बांकेबिहारी जी के दर्शन कर अपने को कृतार्थ करना चाहता है। मान्यता है कि वृन्दावन में स्थित श्री बांके बिहारीजी मन्दिर का निर्माण स्वामी श्री हरिदास जी के वंशजो के सामूहिक प्रयास से सन 1921 के लगभग किया गया। वैष्णव स्वामी हरिदास जी का जन्म संवत 1536 में भाद्रपद के शुक्ल पक्ष में अष्टमी के दिन वृन्दावन के निकट राजपुर नामक गाँव में हुआ। इनके आराध्यदेव श्री कृष्णजी थे। हरिदासजी को रसनिधि सखी का अवतार माना गया है। इनको बचपन से ही संसार से विरक्ति थी। किशोरावस्था में इन्होंने अपने गुरु आशुधीर जी से युगल मन्त्र दीक्षा ली तथा यमुना समीप निकुंज में एकान्त स्थान पर बिहारीजी की लीलाओं और उनके ध्यान में मग्न रहने लगे।

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