ये कहानी है श्रीकृष्ण भक्त कर्माबाई की है, सन 1615 में राजस्थान के नागौर जिले के कालरा गांव में जीवन राम एक जाट के खुसी का ठिकाना नहीं रहा जब उसके घर एक कन्या का जन्म लिया, मेरी कर्मा, मेरी बेटी, आज से मई तुम्हे कर्मा बाई कह कर बुलाऊंगा, जीवन राम भगवन कृष्ण के परम भक्त थे, उनके घर में भगवन कृष्ण के एक मंदिर था, जीवन राम भगवन कृष्ण के भोग लगाने के बाद ही कुछ कहते थे ---- और अधिक पूरी कहानी पढ़ने के लिए वीडियो लिंक पे क्लिक करे
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