jotishEarly Introduction to Astrology and Astrology Planets Rashi Nakshatra and Astrologyjyotish aur jyotish grahon ka praarambhik parichay raashi nakshatr aur jyotish

2021-06-30 1

ज्योतिष शास्त्र का प्रारंभिक परिचय इस अनंत अपार नीले आकाश में असंख्य ज्योतिष घूमते दिखाई देते हैं। उन ज्योतिष पिंडों को ज्योतिष कहते हैं। ज्योतिष पिंडों में से दिन के समय सिर्फ सूर्य ही चमकता है। रात्रि में चंद्रमा के साथ करोड़ों और तारे भी चमकते दिखाई देते हैं। इनमें ज्योतिष पिंड सूर्य के चारों ओर घूमते रहते हैं। उन्हें ग्रह कहते हैं और जो उनके स्थान पर ही रहते हैं, उन्हें तारा कहते हैं।हमारी पृथ्वी भी एक ग्रह है और सूर्य की परिक्रमा करती है। सूर्य के चारों ओर घूमने के कारण ही रात व दिन होते हैं। ज्योतिष विद्या इन समस्त ज्योतिष के पिंडो में अध्ययन करते हैं। उसे ज्योतिष विद्या कहते हैं।. ज्योतिष शास्त्र को वेद का ही अंग माना गया है। वेद भी हमारे प्राचीन वर्षों से उपस्थित माना गया है। इससे पता चलता है कि ज्योतिष विद्या पुरानी और बहुमूल्य है।. सूर्य ' सूर्य ' एक स्थिर - तारा ' है । यह अपने स्थान पर ही स्थिर बना रहता है तथा अपने ही प्रकाश से चमकता है । पृथ्वी सहित अन्य सभी ग्रह इसकी परिक्रमा करते रहते हैं । यों तो वास्तव में ' सूर्य ' एक स्थिर - तारा ' है परन्तु- पृथ्वी के भ्रमण करने ( घूमने ) के कारण , पृथ्वी पर से सूर्य भी भ्रमण करता हुआ - सा ( घूमता हुआ - सा ) प्रतीत होता है , अतः इस ‘ प्रतीति ' के कारण ही ज्योतिष शास्त्र में इसे ‘ ग्रह ' मान लिया गया है । ज्योतिष शास्त्र में ' सूर्य ' को- सभी ग्रहों का अधिपति माना जाता है और इसलिये इसे ' ग्रहराज ' कहा जाता है ।नक्षत्र आकाश मंडल में अनेक तारों के समूह द्वारा जो विभिन्न आकृतियों की बनती है, उन्हें नक्षत्र कहते हैं। नक्षत्र 27 होते हैं उनके नाम( 1 ) अश्विनी , ( 2 ) भरणी , ( 3 ) कृत्तिका , ( 4 ) रोहिणी , ( 5 ) मृगशिरा , ( 6 ) आर्द्रा ( 7 ) पुनर्वसु , ( 8 ) पुष्य , ( 9 ) आश्लेषा , ( 10 ) मघा , ( 11 ) पूर्वा फाल्गुनी , ( 12 ) उत्तरा फाल्गुनी , ( 13 ) हस्त , ( 14 ) चित्रा , ( 15 ) स्वाति , ( 16 ) विशाखा , ( 17 ) अनुराधा , ( 18 ) ज्येष्ठा , ( 19 ) मूल , ( 20 ) पूर्वाषाढ़ा , ( 21 ) उत्तराषाढ़ा , ( 22 ) श्रवण , ( 23 ) धनिष्ठा , ( 24 ) शतभिषा , ( 25 ) पर्वा भादपदा ( 26 ) तरा भाद्रपदा ( 27 ) रेवती । 7राशि का अर्थ है ढेर अथवा समूह आकाश में फैले हुए तारों को 12 समूह में बांटा गया है। राशियों के नाम।( 1 ) मेष , ( 2 ) वृष , ( 3 ) मिथुन , ( 4 ) कर्क , ( 5 ) सिंह , ( 6 ) कन्या , ( 7 ) तुला , ( 8 ) वृश्चिक , ( 9 ) धनु , ( 10 ) मकर , ( 11 ) कुम्भ , ( 12 ) मीनअतः इसमें पृथ्वी को ‘ ग्रह ' के रूप में नहीं लिया जाता , परन्तु पृथ्वी के उत्तरी ध्रुव तथा दक्षिणी ध्रुव की छायायें भी सूर्य की किरणों से परावर्तित होकर पृथ्वीवासियों को प्रभावित करती हैं , अतः उन्हें ' छाया - ग्रह ' के रूप में राहु ' तथा केतु ' का नाम देकर ग्रहों के अन्तर्गत लिया गया है ।फलित - ज्योतिष के मुख्य ग्रह 7 हैं ( 1 ) सूर्य , ( 2 ) चन्द्र , ( 3 ) मंगल , ( 4 ) बुध , ( 5 ) बृहस्पति , ( 6 ) शुक्र ( 7 ) शनि ।

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