बीएसपी नेताओं के पलायन से खफा मायावती
मायावती और अखिलेश यादव आए आमने-सामने
मायावती ने अखिलेश यादव पर लगाया संगीन आरोप
सपाई बोले बुआ जी आपके अच्छे दिन अब नहीं आएंगे
मायावती के आरोपों के बाद सियासी पारा दिख रहा हाई
अखिलेश और मायावती की जुबानी जंग की क्या है वजह ?
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुखिया मायावती के सितारे इन दिनो गर्दिश में चल रहे हैं…एक तरफ मायावती को झटके पर झटके लग रहे हैं और दूसरी ओर अपनी कमजोरी पर काम करने की बजाय मायावती सपा को निशाना बना रही है और बीजेपी की भक्ति करने में लीन है…अब सपा में लगातार जा रहे बीएसपी नेताओं से खफा मायावती ने अखिलेश यादव पर निशाना साधा और कई आरोप लगाए जिसके बाद सपा नेताओं ने मायावती पर कटाक्ष करते हुए जमकर जुबानी तीर दागे…सपा नेताओं ने मायावती पर निशाना साधते हुए कहा कि अब आपके अच्छे दिन आने वाले नहीं है…सपा नेताओं का कहना है कि बीएसपी की हालत कांग्रेस से भी बदतर होने के पीछे कोई और नहीं है बल्कि मायावती की जिद है…मायावती ने पार्टी में किसी नेता को अहमियत ही नहीं दी…और टिकट के नाम पर वसूली करने के चलते बीएसपी आज खत्म होने की कगार पर है…वहीं इस पूरे आरोप प्रत्यारोप का दौर तब शुरू हुआ जब मायावती ने अखिलेश यादव को लेकर तमाम आरोप लगाए और विवादित टिप्पणी की…दरअसल मायावती ने बीएसपी विधायकों के सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात करने को लेकर बयान देते हुए कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर सपा की हालत इतनी खराब हो चुकी है कि सपा दूसरी पार्टी से निष्कासित और प्रभावहीन हो चुके लोगों को अपनी पार्टी में शामिल करवा रही है…मायावती ने कहा आए दिन मीडिया में बने रहने के लिए सपा प्रभावहीन हो चुके पूर्व विधायकों और छोटे-छोटे कार्यकर्ताओं तक को सपा में शामिल किया जा रहा है…ऐसा लगता है कि सपा मुखिया को अब अपने स्थानीय नेताओं पर भरोसा नहीं रहा है, जबकि अन्य पार्टियों के साथ-साथ खासकर सपा के ऐसे लोगों की छानबीन करके उनमें से केवल सही लोगों को बीएसपी के स्थानीय नेता आए दिन बीएसपी में शामिल कराते रहते है, जो ये सर्वविदित है…बीते दिनों बीएसपी के कई विधायकों ने सपा में शामिल होने को लेकर अखिलेश यादव से मुलाकात की थी…वहीं, युपी चुनाव को लेकर सपा में शामिल होने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है…ऐसे में सपा नेताओं का दावा है कि उत्तर प्रदेश में अगला चुनाव सपा ही जीतेगी और सपा की बढ़ती ताकत को देखते हुए खत्म होने की कगार पर पहुंच चुके दलों के नेता साथ आ रहे हैं और इससे विरोधियों को तकलीफ हो रही है क्योंकि उनकी अपनी पकड़ कुर्सी से कमजोर होती जा रही है…सपा नेताओं ने कहा कि आरोप लगाने वाले आरोप लगाते रहे हमें कोई फर्क नहीं पड़ता…बस 2022 में सरकार का गठन करके सबको जवाब दिया जाएगा…ब्यूरो रिपोर्ट