ये बहुत चौंकाने वाली और दुख भरी खबर है. लाहौर से मंटो की बेटी ने भी मुझे अभी फोन किया और जानना चाहा कि क्या ये सच है? तब मैंने इसकी पुष्टि के लिए इंटरनेट पर चेक किया और देखा कि ये सच है. काश ये सच नहीं होती, वो बीते कुछ समय से बीमार थे पर किसी ने नहीं सोचा होगा कि इरफ़ान ऐसे इतनी जल्दी चले जाएंगे। नंदिता दास ने द वायर से इरफ़ान ख़ान की याद करते हुए बात की