8 नवंबर 2016 को मोदी सरकार ने भ्रष्टाचार और काले धन को क़ाबू में करने का दावा करते हुए 500 और 1000 के नोटों पर पाबंदी लगा दी थी। नोटबंदी के दो साल बाद आम जनता को हुई परेशानी और अर्थव्यवस्था को हुए नुक़सान के लिये कौन ज़िम्मेदार है, पूछ रही हैं ‘द वायर’ की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी। Click here to support The Wire: https://thewire.in/support