आज़ादी की लड़ाई में उर्दू अख़बार दैनिक मिलाप की भूमिका, व्यंग्यकार फ़िक्र तौंसवी का कॉलम प्याज़ के छिल्के, उर्दू लिपि में हिंदी का इस्तेमाल और उर्दू पत्रकारिता के भविष्य पर मिलाप के संपादक नवीन सूरी से फ़ैयाज़ अहमद वजीह की बातचीत. Click here to support The Wire: https://thewire.in/support