2002 के गुजरात दंगों के समय सेना की कमान संभाल रहे जनरल ज़मीरूद्दीन शाह ने अपनी किताब ‘द सरकारी मुसलमान’ में लिखा है कि उस समय के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुरोध के बावजूद सेना के 3000 जवान गाड़ियों का इंतज़ार करते रहे और गुजरात दंगों की आग में जलता रहा। Click here to support The Wire: https://thewire.in/support