आखिरकार बैकफुट पर आई योगी सरकार !
सपा-शिक्षक संगठनों के विरोध से योगी पस्त !
शिक्षकों की मौत पर दिया था अमानवीय आंकड़ा !
शिक्षक संगठनों-अखिलेश यादव ने बजाई बैंड !
चौतरफा घिरे योगी अब कर रहे हैं डैमेज कंट्रोल की कोशिश !
सरकार के आंकड़े से हुई थी हर तरफ योगी की फजीहत !
योगी की एडवाइजरी टीम ने जमकर कराई थी सरकार की किरकिरी !
एक तरफ तो उत्तर प्रदेश त्राहिमाम कर रहा है तो दूसरी तरफ सरकार मरहम लगाने के बजाए अपने खजाने पर आंच न आए इसलिए अमानवीय आंकड़े पेश कर रही है…कोरोना की दूसरी लहर को रोकने में असफल योगी सरकार की फजीहत उसी के फैसले करवा रहे हैं और अब एक और फैसला सरकार के गले की फांस बना तो सरकार अब बैकफुट पर नजर आ रही है…आपको याद ही होगा कि पंचायत चुनाव में ड्यूटी करने वाले शिक्षकों और कर्मचारियों की कोरोना से मौत के बाद हाईकोर्ट तक ने संज्ञान लिया और सरकार को जमकर खरी खोटी सुनाई…हालात ये बने कि एक करोड़ रुपये मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का फैसला सामने आया…ऐसे में प्रदेश सरकार के मंदबुद्धि एडवाइजर्स ने सरकार की और सीएम की किरकिरी करवाने में अपना फिर से योगदान दिया और सरकार को आंकड़ा दिया गया कि चुनावी ड्यूटी पर मात्र तीन शिक्षकों की कोरोना से मौत हुई…जिसके बाद योगी सरकार की समाजवादी पार्टी ने तो जमकर खिल्ली उड़ाई ही साथ ही विरोध किया और शिक्षक संगठनों ने भी सरकार के आंकड़े की धज्जियां उड़ा दीं और असल आंकड़ा सामने रखते हुए बताया कि पंचायत चुनाव में ड्यूटी करने वाले 1,621 शिक्षकों, शिक्षामित्रों और अन्य विभागीय कर्मियों की कोरोना से मौत हुई है…साथ ही प्रदेश सरकार के अमानवीय आंकड़े पर सरकार की एक के बाद एक ऐसी धज्जियां उड़ाई की सरकार को जवाब देते नहीं बना…वहीं जब प्रदेश की योगी सरकार को लगा कि वो चौतरफा घिर रही है तो फिर डैमेज कंट्रोल के लिए ठीकरा राज्य निर्वाचन आयोग की गाइडलाइन्स पर फोड़ दिया और दावा किया गया कि जब गाइडलाइन्स आईं थी तब कोरोना नहीं था…लेकिन सरकार का ये तर्क भी कुतर्क से कम नहीं लगता क्योंकि कोरोना कब से हिंदुस्तान और यूपी में कहर बरपा रहा है इस हकीकत को हर कोई जानता है…ऐसे में अब योगी सरकार का दावा है कि वो चुनाव आयोग से नियमों में संशोधन करवा कर पीड़ितों को इंसाफ देगी लेकिन सरकार के इस दावे पर भी सवाल उठ रहे हैं कि हर बार खुद को बुद्धिमत्ता का सर्टिफिकेट देने वाले योगी आदित्यनाथ कोरोना की दूसरी लहर में गच्चा कैसे खा जाते हैं और फिर अपने ही फैसले को बदलने के लिए मजबूर हो जाते हैं…बकौल सीएम योगी चुनाव ड्यूटी के दौरान हर मौत दुखद है और राज्य सरकार की संवेदनाएं प्रत्येक कर्मचारी और उसके परिजनों के प्रति है…सीएम योगी के अनुसार, 'चुनाव ड्यूटी करने वाले जो भी लोग कोरोना के कारण दिवगंत हुए हैं, उन्हें चुनाव आयोग की गाइडलान में संशोधन कर मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जानी चाहिए…आपको बता दें कि पंचायत चुनाव में शिक्षकों की मौत को लेकर सरकार और शिक्षक संगठनों की तरफ से अलग-अलग आंकड़े जारी किए गए हैं…यूपी सरकार ने चुनाव आयोग की गाइडलाइंस का हवाला देते हुए कहा कि 3 शिक्षकों की मौत की प्रमाणित सूचना राज्य निर्वाचन आयोग को भेजी गई है…ऐसे में शिक्षक संगठन और समाजवादी पार्टी ने पुरजोर तरीके से योगी सरकार की बैंड बजानी शुरू कर दी और जब सरकार को लगा कि उसके आंकड़े से उसी की जमकर फजीहत हो रही है तो चेहरे पर पुती कालिक को मिटाने के लिए सरकार ने अब गाइडलाइन्स के सहारे खुद को बचाने की कोशिश की है…ऐसा शिक्षक संगठनों का कहना ह