शाजापुर। जिले में रबी फसलों की कटाई व साफ सफाई का काम समाप्त होने के बाद खेत खाली पड़े हुए हैं। ऐसे में कृषि विज्ञान केंद्र ने किसानों को खाली खेतों में गहरी जुताई करने की सलाह दी है। वैज्ञानिकों का कहना है कि ऐसा करने से मिटटी में मौजूद, कीट व्याधि की समस्या काफी हद तक समाप्त होने, खेत के वर्षाजल सोखने की क्षमता बढ़ने सहित अनेक लाभ होंगे। कृषि वैज्ञानिक डा. एसएस धाकड़ ने बताया कि ग्रीष्मकालीन गहरी जुताई से सूर्य की तेज किरणें भूमि के अंदर प्रवेश कर जाती हैं, जिससे भूमिगत कीटों के अंडे, प्यूपा, लार्वा, लटें नष्ट हो जाते हैं। फसलों में लगने वाले भूमिगत रोग जैसे उखटा, जड़गलन के रोगाणु व सब्जियों की जहाँ में गांठ बनाने वाले सूत्रकर्मी भी नष्ट हो जाते हैं। गहरी जुताई से दूब, कांस, मोथा, वायासुरी आदि खरपतवारों से भी मुक्ति मिलती है।